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लेखनी कहानी -04-May-2022 डायरी

"#शाॅर्ट स्टोरी चैलेंज प्रतियोगिता हेतू" 

जॉनर : हास्य व्यंग्य और सामाजिक  

क्या पार्टी करना अपराध  है ? 
।सखि, 

कैसा जमाना आ गया है । एक तरफ तो लोग आधुनिक बन रहे हैं । बड़े बड़े रईस और खानदानी घरों की बेटियां "फटी पुरानी" सी चीथड़े वाली जींस पहन कर पार्टियों में जा रही हैं या फिर  उनके खरबपति बाप इतने भी पैसे उन्हें नहीं देते हैं  जिससे वे कोई ऐसी ड्रेस सिलवा लें जिससे उनका पूरा बदन ढक जाये । मजबूरी में बेचारियों को बिकनी जैसे कपड़े पहनने पड़ते हैं । 

और दूसरी तरफ ! एक "चिर युवा" राजकुमार के किसी पार्टी में जाने को लेकर इतना हंगामा क्यों मचा रखा है ? एक तो उसकी शादी नहीं होने दे रहे हैं लोग । 50 को क्रॉस कर चुका है बंदा । कब तक अपने हाथों के सहारे जिंदा रहेगा ? भगवान पर तो उसने कभी विश्वास किया नहीं । उनकी नजर में तो रामजी एक काल्पनिक पात्र हैं बस । तो अब उस गरीब का सहारा कौन है ? 

गरीब कहने से चिढ मत जाना । अब तुम्ही बताओ सखि, जिस परिवार में अपनी बूढी मां के इलाज के लिए पैसे नहीं हो तो फिर घर का कोई न कोई सामान तो बेचना पड़ेगा ना उन्हें ? लेकिन वे लोग खानदानी हैं । जान दे देंगे मगर इज्जत नहीं देंगे । घर का सामान भी बच जाये और काम भी चल जाये । ऐसा नुस्खा ढूंढा है इन लोगों ने कि चारों ओर "वाहवाही" हो रही है । आलू से सोना बनाने का समय अभी नहीं आया है । महज दो करोड़ रुपयों के लिए कोई "सोना बनाने वाली मशीन काम में लेगा क्या।? 

तो उनके सिपहसालार ने एक नायाब तरीका ईजाद कर लिया । इस देश में एक लंपट चित्रकार हुआ करता था जिसे हिन्दू देवी देवताओं की नग्न पेन्टिंग बनाने में बड़ा मजा आता था और वह बड़ा "रसिया" किस्म का इंसान था । उसकी ऐसी नंगी तस्वीरें कौन खरीदे ? इस देश में बड़ी शानदार व्यवस्था थी कि "खानदान ए चिराग" को ऐसी ही कोई पेन्टिंग भेंट कर दो "और पद्म विभूषण " हथिया लो । फिर जब इलाज कराने के लिए पैसों की जरूरत हो तब किसी "सेठ" को इतना मजबूर कर दो कि उसे गिफ्ट में मिली हुई पेन्टिंग दो करोड़ रुपए में लेनी पड़े । चाहे उसके बदले में कोई पद्म पुरस्कार ही क्यों ना देना पड़ जाए ? वैसे भी हमारी संस्कृति की यही तो विशेषता है कि जितना बांट सको, उतना बांटो । तो इस चक्कर में पद्म पुरस्कार भी खूब बांटे । सारे चाटुकारों को, गुलामों को, पालकी ढोने वालों को, रसोई बनाने वालों को, जूते साफ करने वालों को और  कुछ टटपूंजिए पत्तलकार पद्म पुरस्कार पा गये।  कुछ चोर उचक्के तो बड़े बड़े चैनलों के मालिक भी बन गए । वे बेचारे अब अपनी स्वामिभक्ति दिखा रहे हैं और मूर्खानंदों को देश का भविष्य सिद्ध करने में रात दिन एक कर रहे हैं । 

एक बात बताओ सखि , यदि किसी को एक हार मिले तो उस पर कैसी गुजरेगी ? बहुत बुरी ना । और अगर किसी को हार पर हार मिलती जाए तब उसका हाल क्या होगा ? कल्पना करने में भी डर लगता है सखि । एक तो हार दर हार । उस पर सितम ये कि उसकी शादी भी नहीं हो रही हो । फिर  अगर वह किसी पार्टी में "मौज" उड़ाने जाए तो तुम वहां पर भी उसका वीडियो बना लेते हो । थोड़ी सी भी शर्म बची है कि नहीं ? वीडियो बना भी लिया तो भी कोई बात नहीं , मगर उसे वायरल तो नहीं करना चाहिए ना ? ये अच्छी बात नहीं है । 

किसी महिला मित्र की शादी में जाना कबसे गुनाह हो गया ? माना कि वह महिला एक पत्रकार है । अरे बाबा, वो एक लिबरल वाली पत्रकार है जो हमेशा एक नेता, एक दल और एक समुदाय के खिलाफ प्रोपोगैंडा फैलाते फैलाते देश के खिलाफ तक चली जाती है । वो पत्रकार राजकुमार का ही तो गुणगान करती रहती है । तो ऐसे "भक्त" या चमचों की शादी में तो जाना ही पड़ेगा ना । माना कि उस पत्रकार ने नेपाल द्वारा भारत का गलत नक्शा दिखाने पर नेपाल की प्रशंसा में बहुत कुछ अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में लिखा था । पर एक "चमचे" के तो सारे अपराध माफ होते हैं ना । तो चले गये शादी में और पहुंच गए पब । दारू शारू पीना कोई गुनाह है क्या ? अब तुम्हीं बताओ कि "युवराज" ने ऐसा कौन सा अपराध कर दिया जो सारा देश उसके पीछे हाथ धोकर पड़ गया ? वो "बच्चा" कितना मासूम लगता है ना ? कसम से उसके गालों में पड़े हुए गड्ढे कितना जादू बिखरा देते हैं , बता नहीं सकते हैं । 

कोई कोई तो यहां तक कह रहा है कि वीडियो में जो लड़की नजर आ रही है वह कोई चीनी राजदूत है । मुझे तो लोगों की छोटी सोच पर बड़ा ही आश्चर्य होता है । एक तरफ तो "वसुधैव कुटुंबकम" की बात करते हैं और दूसरी ओर एक चीनी राजदूत को देखकर ही भड़क जाते हैं । "युवराज" तो उसके साथ "हिन्दी चीनी भाई भाई" का नारा लगाने गए थे । ये नारा तो प्यारे "नानू" ने दिया था ना । फिर  इसमें गलत क्या है ? 

सच में आज मूड बहुत ही उखड़ा हुआ है । बेचारे को ढंग से पार्टी भी नहीं करने दे रहे हैं । यह कोई अच्छी बात नहीं है , अटल जी होते तो यही कहते । 

आज इतना ही बहुत है सखि, अब नींद आ रही है । चलो निद्रा देवी की गोदी में सिर रखकर सोते हैं । 
शुभ रात्रि । 
💐💐🙏🙏

हरिशंकर गोयल "हरि" 
4.5.22 


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18 Comments

kashish

12-Feb-2023 02:46 PM

nice

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sunanda

01-Feb-2023 03:03 PM

nice

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Reyaan

06-May-2022 11:39 AM

👌👏

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